Friday, August 05, 2011

Ketu or केतु

Description :

Same as Rahu but billious disposition.


Significations:

Injury
Fire
Moksha
Military
Shadowy


Spiritual : Moksha
Family :   Maternal Grand Father
Direction : All Directions
Tattva : Fire
Diety : Rudra

Shape : पुच्छाकार
Caste : Mixed (वर्ण शंकर)
Age :  Very Old age
Gem : Cats' Eye
Profession : Occultism (तंत्र विद्या)
Nature : Billious
Metal : अष्ट धातु 
Bhagyodaya : 48-54
Gender :Male
Season : Summer (अति ग्रीष्म ऋतु )
Guna : Tamasik
Ruling powers : Army
Taste :फीका 
Body parts : Nerves
Grains : कुल्थी



Rahu or राहु

Description :

Bluish complexion resembling s
moke, wild in bearing,intelligent and windy disposition

Significations:

Dark
Doctor
Drink
Long
Abortion
Alien
Nerves
Female
Fears
Separative
Old
Suddenness
Restrictive
Skin Trouble
Imprisionment
Shadowy


Spiritual : Delusion
Family :   Paternal Grand Father
Direction : South-West
Tattva : Air
Diety : Bhairava
Shape : Big
Caste : Chandal
Age : Old age
Gem : Gomedh
Profession : Flying Science (गारुड़ी विद्या)
Nature : Windy
Metal : पञ्च धातु and Lead
Bhagyodaya : 42-48
Gender :Male
Season : Cold (शिशिर)
Guna : Tamasik
Ruling powers : Army
Taste :तीखा
Body parts : Nerves
Grains : उर्द की दाल



Saturn or शनि

 Description :

Tall,lean and weak body,dark complexion,stiff hair & limbs,large teeth,lazy disposition,windy temperament,cruel nature,Tamasik inclination,lame,dark and shabby robes.

Significations:

Slow moving
Nerves
Disease
Dark
Paralysis
Longevity
Illiterate
Separatived
Low grade
Sanyas
Status
Masses
Lands
Hair
Legs
Farming
Restrictive
Rough Speech
Doctor
Female
Old age
Directional Strength
Letters (प वर्ग)


Spiritual : Pain (दुःख)
Family :   Servant
Direction : West
Tattva : Air
Diety : Yama
Shape : Big
Caste : Shudra
Age : Old age
Gem : Neelam or Blue Sapphire
Profession : Foreign Languages
Nature : Windy
Metal : Iron
Bhagyodaya : 36-42
Gender : Eunuch
Season : Cold (शिशिर)
Guna : Tamasik
Ruling powers : Labour Class
Taste :Astringent (कसैला)
Body parts : Nerves
Grains : Seasame Seeds (तिल)


Venus or शुक्र

 Description :


Dark brown and handsome, of symmetrical limbs and dark curly hair, writer of poetry, and an amorous disposition,long arms,broad chest,excessive seminal fluid,windy and phlegmatic temperament,rajasik inclination,grace,vigour,wisdom and intelligence, and multi-coloured robes.


Significations:


Beauty
Music
Brahmin
Throat
Refinement
Conveyance
Urinary Tract
Watery
Female
Semen
Wife
Truth Loving
Law
Social
Studious
Sleep
Location in 12th house
Letter (च वर्ग)


Spiritual : Sexual Desire (कामेच्छा)
Family :   Wife
Direction : South-East
Tattva : Water
Diety : Indra
Shape : Big
Caste : Brahmin
Age : Adolescent
Gem : Heera or Diamond
Profession : Music
Nature : Phlegmatic or Cough
Metal : Silver
Bhagyodaya : 25-28
Gender : Female
Season : Spring or Vasant
Guna : Rajasik
Ruling powers : Minister or Diplomat
Taste :Sour
Body parts :Seminal Fluid
Grains : Lima Beans(सेम फली)



Jupiter or गुरु

Description :

Big belly and a fat body, pale eyes,virtuous disposition,phegmatic temperament,knowledge of scripture & sciences, satvik inclination,sharp intelligence,keenness in religious pursuits,forgiving nature and Yellow robes.

Significations : 


Thighs & Feet
Bulky body
Brahmin
Finance
Expansion
Comforts
Sons
Husband
Liver
Govt. Favours
Revenue
Law
Elder brother
Letter (त वर्ग)

Spiritual : Wisdom
Family :   Son
Direction : North-East
Tattva : Akasha
Diety : Brahma
Shape : Circle
Caste : Brahmin
Age : Middle age
Gem : Pukhraj or Yellow Sapphire
Profession : Grammar
Nature : Phlegmatic or Cough
Metal : Gold, Brass
Bhagyodaya : 16-22
Gender : Male
Season : Cold or Hemant
Guna : Sattva
Ruling powers : Royal Priest
Taste : Sweet
Body parts : Fat
Grains : Yellow Gram (पीला चना)



Monday, August 01, 2011

ग्रहों के लिए कुछ उपाय

सूर्य
रत्न-----------------माणिक ५-७ रत्ती ,रविवार के दिन शुक्ल पक्ष में ,दायें हाथ की अनामिका में प्रातःकाल सूर्यपूजा के बाद धारण करें.
जड़ी बूटी------------बेलपत्र की जड़,रविवार को उत्तरा-फाल्गुनी,उत्तरा-षाडा  या कृत्तिका नक्षत्र में लाल धागे में दायें बाजू में बाँधें.
दान-----------------स्वयं के वजन के बराबर गेहूं, लाल वस्त्र,लाल फल (अनार),लाल मिठाई (गुड़),सोना,गाय,तांबा, किसी ब्राह्मण को रविवार के दिन प्रातःकाल दान करें.
मंत्र-----------------
-"ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"....................(७०००).
सूर्य गायत्री----------"ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात".
स्तोत्रं----------------सूर्या
ष्टकम या आदित्यहृदय स्तोत्रं.
पुराण---------------हरिवंश पुराण का पाठ.
व्रत -----------------सूर्य षष्ठी ,रथ सप्तमी अथवा शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से १२ या वर्ष भर.

किसी भी कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व थोडा मीठा मुहँ में डाल कर पानी पी लें.
ताम्र पत्र में शुद्ध जल (गंगाजल इत्यादि),लाल पुष्प (गुडहल आदि),लाल चन्दन या कुषा डालकर सूर्य को
"ॐ घ्रिणी सूर्याय नमः" से अर्घ्य दें .
लाल चन्दन या केशर का तिलक लगायें.

सुर्यानर मंदिर कुम्भकोनम या सूर्य मंदिर कोणार्क की तीर्थयात्रा करें.

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चन्द्रमा
रत्न-----------------मोती,चंद्रमणि
,सफ़ेद पुखराज या सफ़ेद ओपल.
जड़ी बूटी------------खिरनी की जड़ सोमवार को रोहिणी नक्षत्र में सफ़ेद धागे में दायें बाजू में बाँधें.
दान-----------------स्वयं के वजन के बराबर चावल,श्वेत वस्त्र,कर्पूर,सफ़ेद चन्दन,श्वेत पुष्प,चीनी,वृषभ,दही,मोती इत्यादि रोहिणी,श्रवण या हस्त नक्षत्र में.
बीजमंत्र--------------
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः.............................११०००
चन्द्र गायत्री --------ॐ अत्रिपुत्राय विद्महे सागरोद्भवाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात.
स्तोत्रं----------------चन्द्र अष्टविंशतिनाम स्तोत्रं, चन्द्र मंगल स्तोत्रं, कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा.
पानी/दूध से भरा बर्तन सिरहाने रख लें और उसे सुबह उठकर कीकर की जड़ में डाल दें.
चावल,चाँदी व प्राकृतिक जल सदैव अपने पास रखें.
व्रत------------------श्रावण ,चैत्र,बैशाख या मार्गशीर्ष महीनों के प्रथम सोमवार से १६ व्रत या ५ वर्ष तक करें.
प्रातःकाल जल  में कुछ काले तिल डालकर स्नान करें.
तिरुपति बालाजी की यात्रा करें.

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मंगल
रत्न--------------------------
---मूंगा मृगशिरा नक्षत्र में या शुक्ल पक्ष के मंगलवार को धारण करें.
जड़ी-बूटी.....................
.........अनंतमूल की जड़ मंगलवार को मृगशिरा नक्षत्र में लाल धागे में दायें बाजू में धारण करें.
दान---------------------------
---स्वयं के वजन के बराबर लाल मक्का,मसूर दाल ,लाल फल,वस्त्र, पृथ्वी,मूंगा इत्यादि
बीजमंत्र----------------------
----ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः--------------------------------१००००
मंगल गायत्री---------------------
ॐ क्षितिपुत्र्याय विद्महे लोहितांगाय  धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात.
स्तोत्रं----------------------
--------ऋन्मोचन मंगल स्तोत्रं, हनुमान की पूजा.
तंदूर में लगी मीठी रोटी दान करें.
मृगछाला दान करें.
व्रत--------------------------
--------शुक्लपक्ष के प्रथम मंगलवार से शुरू करके २१ व्रत रखें..
मुरूग स्वामी के मंदिर मदुराई में या उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर की यात्रा.

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बुध
 रत्न--------------------पन्ना ,मर्क़ज,ऑनिक्स, ६ रत्ती बुधवार को आश्लेषा नक्षत्र में.
जड़ी-बूटी-----------------विधारा की जड़ बुधवार को आश्लेषा नक्षत्र में दायें बाजू में.
दान----------------------हरी मूंग,हरे वस्त्र,हरे फल,हरी मिठाई,कांसा,हाथी दाँत ,पन्ना इत्यादि स्वयं के वजन के बराबर.
बीजमंत्र------------------
"ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः"   १९००० बार.
बुध गायत्री---------------
"ॐ चंद्रपुत्राय विद्महे रोहिणीप्रियाय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात."
स्तोत्रं---------------------
बुध पञ्चविंशतिनाम स्तोत्रं----------------------१०८ बार.
व्रत------------------------ बुधवार

कौड़ियों को आग में जलाएं और राख को उसी दिन नदी जल में प्रवाहित करें.
नाक छिदवायें.
बकरी दान करें.
छेद  वाला तांबे का सिक्का पानी में डालें.
बकरी या तोता पालें.
बहिन,बेटी,मौसी,बुआ या साली की सहायता करें.
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 गुरु
रत्न------------------------पु
खराज,केसरी, ९ रत्ती पुनर्वसु नक्षत्र गुरूवार.
जड़ी बूटी-------------------नारंगी,
केले की जड़,या हल्दी की गांठ,पुनर्वसु नक्षत्र में गुरूवार को दायें बाजू में.
दान------------------------चने की दाल ,पीले वस्त्र,सोना,हल्दी,पीले पुष्प अश्व इत्यादि.
बीजमंत्र--------------------
"ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः"....................१६००० बार
गुरुगायत्री------------------" ॐ अन्गिरोजाताय विद्महे वाचस्पतये धीमहि तन्नो गुरु: प्रचोदयात."
स्तोत्रं----------------------
-गुरुस्तोत्रम १०८ बार १६ दिन लगातार पाठ.
व्रत--------------------------
गुरूवार
पीपल का वृक्ष लगायें.
धार्मिक ग्रन्थ दान करें.
दक्षिणामूर्ति की पूजा के लिए तिरुचेंदुर श्री सुब्रमन्य स्वामी देवस्थानम की यात्रा.

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शुक्र
रत्न--------------------------
--हीरा,५ रत्ती, शुक्रवार भरणी नक्षत्र.
जड़ी बूटी-----------------------सरपोंखा  की जड़ सफ़ेद धागे में शुक्रवार के दिन दायें बाजू में.
दान-----------------------------चावल,चाँदी,घी,सफ़ेद वस्त्र,चन्दन,चीनी,गाय इत्यादि.
बीजमंत्र----------------------
---"ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः"
शुक्र गायत्री ---------------------
"ॐ भृगुवंशजाताय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नो कविः प्रचोदयात."
स्तोत्रं----------------------
-----भृगुस्तवराज १०८ बार १६ दिन तक लगातार.
व्रत--------------------------
---शुक्रवार
गाय की सेवा करें.
चाँदी में शुक्र यन्त्र गले में धारण करें.
श्रीरंगम में श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर की यात्रा.
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शनि
रत्न--------------------------
----नीलम ,सवा पांच रत्ती पञ्च धातु शनिवार पुष्य नक्षत्र में मध्यमा में धारण करें.
जड़ी बूटी--------------------------
बिच्छूबूटी  की जड़ या शमी(छोंकर) की जड़ काले धागे में.
दान---------------------------
----काले चने,काले कपड़े,उर्द की दाल,जामुन,काली गाय,काले जूते,काले तिल,भेंस,लोहा,सरसों का तेल आदि.
बीजमंत्र----------------------
-----" ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः "................२३००० बार
शनि गायत्री-----------------------
" ॐ कृष्ण अंगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्नो सौरिः प्रचोदयात."
स्तोत्रं----------------------
--------शनि स्तोत्रं राजा दशरथ कृत.                 १०८ बार २१ दिन तक.
व्रत--------------------------
------शनिवार.

आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं.

तिरुनाल्लुर की यात्रा.
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राहु
रत्न--------------------------
-गोमेद आर्द्रा नक्षत्र बुधवार या शनिवार की मध्यरात्रि में मध्यमा में.
जड़ी बूटी----------------------सफ़े
द चन्दन.
दान---------------------------
अभ्रक,तिल,तेल,नीला वस्त्र,छाग,सप्तधान्य,उर्द ,काले फूल,घोड़ा,जौ,तलवार इत्यादि.
बीजमंत्र----------------------
-" ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः".........................८००० बार
राहु गायत्री-------------------
" ॐ नीलवर्णाय विद्महे सेहिकैयाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात."
स्तोत्रं----------------------
---राहु स्तोत्रं     १०८ बार १८ दिन तक.  या     गजेन्द्रमोक्ष स्तोत्रं इतनी ही बार.
व्रत--------------------------
-दुर्गा अष्टमी

कन्यादान.
सरस्वती पूजा.
नदी जल की तेज धारा में नारियल बहायें.
जौ को गौ मूत्र में धोकर अपने पास रखें.
मूली दान करें.
बिजली उपकरण दान में न लें.
तम्बाकू का सेवन न करें.
अपने वजन के बराबर जौ दान करें.
अपने पास ठोस चाँदी से बना वर्गाकार टुकड़ा रखें.
श्री काल हस्ती मंदिर की यात्रा.
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केतु

रत्न ------------------------------
----वैदूर्य, लहसुनिया,मंगलवार या अमावस्या को अश्विनी नक्षत्र में .
जड़ी बूटी-----------------------------अश्वगंधा
दान----------------------------------कस्तूरी,तिल,छाग,काला वस्त्र,ध्वज,सप्तधान्य,उरद,काला कम्बल.
बीजमंत्र------------------------------" ॐ    स्रा स्रीं स्रौँ सः केतवे नमः"............१७००० बार 
केतु गायत्री-----------------------
-" ॐ धूम्राय विद्महे कपोतवाहनाय धीमहि तन्नो केतु: प्रचोदयात."
स्तोत्रं----------------------
----------केतु पञ्चविंशतिनाम स्तोत्रं     १०८ बार १७ दिन तक या गणेश स्तोत्रं, अपराजिता स्तोत्रं इतनी ही बार.
व्रत--------------------------
--------गणेश चतुर्थी.
बछिया दान.
गणेश पूजा.
रेशम के धागे में चाँदी का छल्ला गले में पहनें.
काला सफ़ेद कुत्ता पालें.
तिल, नीबू, केले, दान करें.
काले सफ़ेद तिल बहते पानी में बहायें.

रामेश्वरम की यात्रा करें.

गणेश मंदिर का निर्माण कराएँ.

विजय वासुदेव आचार्य
01/08/2011
श्रावण  शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि  संवत 2068